भारत में मछली पालन, जिसे मछली की खेती कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण आजीविका का साधन बन रहा है। छोटे गांवों और तटीय क्षेत्रों के लोग तालाबों, झीलों, जलाशयों और समुद्री जल में मछलियों की खेती कर रहे हैं। इसी कारण Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) की शुरुआत की गई। इसका प्राथमिक लक्ष्य मछली पालन के उत्पाद में वृद्धि, आधुनिक तकनीक की उपलब्धता, फसल के बाद होने वाले नुकसान को कम करना, और मछुआरों तथा कृषकों की आय को बढ़ाना है।
सरल भाषा में कहें तो, PMMSY नीली अर्थव्यवस्था की प्रगति को बढ़ावा देती है और Fish Value Chain के सभी पहलों – जैसे बीज, फ़ीड, खेती, प्रसंस्करण, शीत श्रृंखला और विपणन – को एकीकृत करती है। यह योजना पूरे देश में लागू है और इसे मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है।
प्रमुख मंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है?
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana एक केंद्रीय क्षेत्रीय और केंद्रीय प्रायोजित मिश्रित मॉडल योजना है। इसका मुख्य ध्यान सतत और जिम्मेदार मछली पालन पर है। सरकार ने PMMSY के तहत उन गतिविधियों को शामिल किया है जो सीधे किसानों या मछुआरों को लाभ देती हैं, जैसे तालाब बनाना, अंडर का उत्पादन, बीज उत्पादन, बायोफ्लोक, RAS इकाइयाँ, फ़ीड मिलें; और ऐसी अवसंरचना जो पूरे मूल्य श्रृंखला को मजबूत बनाती है, जैसे प्रसंस्करण इकाइयाँ, कोल्ड स्टोरेज, बर्फ के प्लांट, ठंडे वाहन, मछली उतारने के केंद्र और मार्केटिंग।
योजना ने स्पष्ट रूप से बताया है कि लाभार्थी-ओरिएंटेड कार्यों पर सहायता (सामान्य वर्ग के लिए 40%, SC/ST/महिलाओं के लिए 60%) और गैर-बेनिफिशियरी अवसंरचना पर केंद्र-राज्य साझेदारी का ढांचा भिन्न होगा। इससे कार्यान्वयन में सरलता आती है और राज्य अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार घटकों का चयन कर सकते हैं।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) की अवधि और कार्यान्वयन
योजना का नाम | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना |
शुरुआत | सितंबर 2020 |
अवधि | वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 |
नोडल मंत्रालय | मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय |
लाभार्थी | मछुआरे, मछली पालक किसान, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता |
लागू क्षेत्र | सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश |
वेबसाइट | dof.gov.in |
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) को पाँच वर्षों के लिए आरंभ किया गया है, वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक। इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि आप उत्तर भारत में हैं या पूर्वोत्तर या हिमालयी राज्यों में या किसी केंद्र शासित प्रदेश में, तो योजना के घटक स्थानीय जरूरतों के अनुसार उपलब्ध कराए जाते हैं। अवधि और कवरेज को सरकारी दिशा-निर्देशों और प्रेस विज्ञप्तियों में स्पष्ट किया गया है।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) के लक्ष्य
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) के उद्देश्य सीधे और स्पष्ट हैं जिससे परिणामों को आसानी से मापा जा सके:
उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना: देश में मछली उत्पादन को बढ़ाना, अंडर और प्रजनन बैंकों को सशक्त बनाना, और वैज्ञानिक स्टॉकिंग को बढ़ावा देना।
गुणवत्ता और तकनीक: बीज/फ्राई की गुणवत्ता, फ़ीड दक्षता, पानी के गुणवत्ता प्रबंधन, रोग नियंत्रण, और नयी तकनीकों को अपनाना (जैसे बायोफ्लोक, RAS)।
संरचना की कमी को दूर करना: प्रसंस्करण, कोल्ड चेन, भंडारण, परीक्षण प्रयोगशालाएं, ट्रेसबिलिटी और बाजार पहुँच में मौजूद अंतर को संभालना।
आय और रोजगार सृजन: मछुआरों और मछली उत्पादकों की आय में वृद्धि करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न करना।
फसल के बाद नुकसान में कमी: फसल के बाद होने वाले नुकसान को लगभग 25% से घटाकर 10% करने का लक्ष्य, जिससे मेहनत का उचित मोल मिल सके।
इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियाँ, NFDB और निजी निवेश सभी की भूमिका सुनिश्चित की गई है।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) के फायदे
PMMSY का लाभ दो स्तरों पर मिलेगा—व्यक्तिगत इकाइयों और सार्वजनिक या सामूहिक अवसंरचना के लिए:
लाभार्थी-ओरिएंटेड सहायता (व्यक्तिगत/समूह इकाइयाँ):
- सामान्य वर्ग के लिए कुल परियोजना लागत का 40% तक सहायता।
- SC/ST/महिला लाभार्थियों के लिए 60% तक सहायता।
- इन घटकों में नए तालाबों का निर्माण, नवीकरण, बीज पालन इकाइयाँ, RAS या बायोफ्लोक टैंक, सजावटी मछली इकाइयाँ, छोटे बर्फ के प्लांट, कुछ परिवहन/इन्सुलेटेड वैन शामिल हैं।
नोट: घटक-वार सहायता की मात्रा राज्य की वार्षिक कार्य योजना/निर्देशों के अनुसार भिन्न हो सकती है।
गैर लाभार्थी/अवसंरचना (CSS उप-घटनाएँ):
- राज्य और केंद्र मिलकर निवेश करते हैं।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्य: 90:10 (केंद्र:राज्य)
- अन्य राज्यों के लिए: 60:40
- केंद्र शासित प्रदेश: 100% केंद्रीय भागीदारी
- यह वित्तपोषण ढांचा बड़े अवसंरचना प्रोजेक्ट के लिए, जैसे प्रसंस्करण पार्क, कोल्ड चेन, उतारने के केंद्र के लिए उपयोग किया जाता है।
यह डिज़ाइन छोटे किसानों को सीधा लाभ पहुंचाता है और पूरे जिले की सप्लाई चेन को मज़बूत करता है—दोनों का विकास एक साथ होता है।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) कौन लाभ ले सकता है?
लाभ लेने की पात्रता को व्यापक रखा गया है ताकि अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें:
मछली उत्पादक और मछली पकड़ने वाले: पारंपरिक मछुआरे, नए किसान, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियाँ, FPOs/FFPOs और निजी उद्यमी।
श्रेणियाँ: सामान्य, OBC, SC, ST, महिला—सभी के लिए घटक उपलब्ध हैं, और कुछ घटक महिलाओं/SC/ST के लिए अधिक सहायता प्रदान करते हैं।
भूमि/जल संसाधन: 1 से 2 हेक्टेयर के तालाब या जल निकाय से शुरू किया जा सकता है; बायोफ्लोक/RAS जैसे कम भूमि-फुटप्रिंट विकल्प भी हैं।
दस्तावेज़ और KYC: आधार, बैंक, भूमि/जल स्वामित्व/पट्टे का प्रमाण— मानक KYC के अनुसार।
राज्य-विशेष सूक्ष्म नियम अलग हो सकते हैं, इसलिए अपने जिले के मत्स्य कार्यालय/पोर्टल से घटक-वार शर्तें अवश्य देख लें। (औपचारिक पोर्टल आमतौर पर घटक-वार नियमों को सूचीबद्ध करते हैं।)
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) अनुदान/सब्सिडी की रूपरेखा
Beneficiary Type | Typical Assistance (Up to) | Notes |
General | 40% of Project Cost | घटक-वार Ceiling अलग हो सकता है; State AAP/Guidelines देखें |
SC/ST/Women | 60% of Project Cost | Women-led units को कई जगह Priority |
NE/Himalayan States (Infra) | 90% Central Share (CSS Infra) | State Share 10% |
Other States (Infra) | 60% Central, 40% State | CSS Infra Components |
UTs (Infra) | 100% Central Share | No UT share |
मत्स्य पालन में कौन कौन सी गतिविधियाँ शामिल हैं?
PMMSY समग्र मछली पालन क्षेत्र को कवर करता है:
- मीठे पानी की मछलियाँ: रोहू, कतला, मृगल, सामान्य कार्प, घास का कार्प—पॉली-कल्चर, तालाब प्रबंधन, चूना/खाद, संतुलित फ़ीड।
- समुद्री मछलियाँ: झींगा (वानामेई), सीबास, कीचड़-कांटा फेटिंग; तटीय मछली पालन मानदंडों के अनुसार।
- अग्रणी प्रणाली: बायोफ्लोक और RAS—कम स्थान में ज्यादा उत्पादन, बेहतर FCR, और पानी का पुनः उपयोग।
- हैचरी और बीज: प्रजनन खोल, स्पॉन, फ्राई/फिंगरिंग उत्पादन; गुणवत्तापूर्ण बीज = तलीय उपज।
- फसल के बाद का कार्य और प्रसंस्करण: बर्फ/कोल्ड चेन, पूर्व-प्रसंस्करण इकाइयाँ, मूल्य वर्धित उत्पाद (फिलेट्स, तैयार पकवान), ब्रांडिंग और पैकिंग।
- सजावटी मछलियाँ: एक्वेरियम मछली की प्रजनन और व्यापार—कम पूंजी से शुरू करने वाला एक विशिष्ट क्षेत्र।
- इन गतिविधियों से जुड़े सैकड़ों उप-घटक PMMSY में शामिल हैं।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) प्रमुख परियोजनाएँ और हाल की प्रगति
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) के आरंभिक वर्षों में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने परियोजना प्रस्ताव 제출 किए। जुलाई 2025 तक, सरकार ने ₹21,274. 16 करोड़ के मत्स्य विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से ₹9,189. 79 करोड़ केंद्रीय भाग है। यह कुल आंकड़ा यह दर्शाता है कि राज्यों ने अपनी कार्य योजनाओं के माध्यम से हर साल तेजी से प्रगति की है।
कुछ राज्यों ने beneficiary-oriented components में स्पष्ट रूप से 40% (General) और 60% (SC/ST/Women) सहायता बताई है और Unit-wise ceiling भी नोटिफ़ाई किए हैं; ऐसे उदाहरणों में हरियाणा आदि राज्यों के PMMSY घटक दस्तावेज़ देखे जा सकते हैं। आपके जिले का Fisheries Office आपको चालू वर्ष के component-wise caps, application windows और verification steps बताता है।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) आवेदन कैसे करें (How to Apply Online/Offline)
Step-by-Step (Simple):
Official Portals पर जाएँ:
- केंद्रीय स्तर पर जानकारी और dof.gov.in (जानकारी/FAQs)।
- कई राज्यों के Fisheries Directorates अपनी Online आवेदन विंडो अलग-अलग तिथियों पर खोलते हैं।
- संबंधित पोर्टल/नोटिस पर open projects और timelines देखें।
Registration/KYC:
आधार, मोबाइल, ईमेल, बैंक खाता—Basic KYC भरें। यदि State Portal पर SSO/ID बनती है, तो वही उपयोग करें।
Project Selection:
अपना component चुनें—जैसे New Pond, Pond Renovation, Hatchery, Biofloc, RAS, Feed Mill, Ice Plant, Refrigerated Vehicle, Mini Processing Unit आदि।
Document Upload:
- ID Proof (Aadhaar)
- Bank Passbook/Cancelled Cheque
- Land/Water Body Ownership or Valid Lease Proof
- Caste/Women category proof (यदि लागू)
- Simple Project Report/Cost Estimates
Scrutiny & Site Verification:
Department आवेदन की जाँच करता है। कुछ मामलों में Geo-Tagging/Site Photos माँगी जाती हैं। Approval के बाद आपको Go-ahead मिलता है।
Implementation & Claim:
Approved design के अनुसार unit बनाइए/खरीदिए। Bills/Completion/Geo-Tag proofs जमा कीजिए। Subsidy आपके बैंक खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) से आती है, subject to compliance और उपलब्ध बजट।
नोट: Portfolio और Steps राज्य अनुसार थोड़ा बदल सकते हैं—इसलिए अपने State Fisheries Directorate के current circulars/FAQs ज़रूर पढ़ें। (NFDB/DoF portals पर consolidated docs मिलते हैं।)
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) Training
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) में Skill Training और Capacity Building भी शामिल है। Training आपको सही stocking density, feed schedule, water quality, disease prevention, और record-keeping सिखाती है। कई जिलों में Department hands-on demonstrations करता है—Biofloc tank setup, aeration, sludge removal, RAS filtration basics।
Training से mortality घटती, FCR सुधरता और profitability बढ़ती है। प्रशिक्षण के बारे में सूचना अक्सर State portals/Notice boards/WhatsApp groups पर जाती है; NFDB/DoF के documents में contact points दिए होते हैं, साथ ही एक टोल-फ्री हेल्पलाइन भी साझा की गई है।
Other Schemes:
Pradhan Mantri Internship Yojana 2025
Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana
PM Janjatiya Unnat Gram Abhiyan 2025
Annadata Sukhibhava Scheme 2025
Krishi Samruddhi Yojana Maharashtra 2025
Haryana Parivar Pehchan Patra 2025
यहां के मत्स्य पालकों को मिलेगा बड़ा लाभ
जौनपुर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 430 व्यक्तियों की सूची बनाई गई है। जिला स्तर की समिति ने 447 आवेदन प्राप्त किए, जिनमें से 17 को अस्वीकृत कर दिया गया। इस योजना में मछली पालन और हैचरी का निर्माण जैसे कार्यों शामिल हैं, जिनके लिए 25% तक बैंक का ऋण प्रदान किया जाएगा। सरकार के साथ-साथ बैंक भी जरूरतमंदों को सहायता देने के लिए शामिल होंगे। अब जब प्रशासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, तो मछली पालकों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) निष्कर्ष (Conclusion)
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भारत सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो न केवल मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि मत्स्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण, तकनीकी विकास और रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभा रही है। इस योजना के माध्यम से मछली पालक किसानों, मछुआरों और मत्स्य से जुड़े सभी हितधारकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और आवश्यक अवसंरचना उपलब्ध कराई जा रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य “नीली क्रांति” को सफल बनाना और भारत को वैश्विक मत्स्य उत्पादन में अग्रणी बनाना है। 60% तक की सब्सिडी, आधुनिक तकनीक, तालाब निर्माण, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट जैसी सुविधाएं किसानों को न केवल अधिक मुनाफा कमाने में मदद करती हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती हैं।
सरकारी योजना का आपका भरोसेमंद साथी
FAQs – Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana(प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना)
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की अवधि क्या है?
यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक लागू है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
dof.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
मछली पालन में सरकार कितनी सब्सिडी देती है?
SC/ST/महिलाओं को 60% और OBC/सामान्य वर्ग को 40% सब्सिडी मिलती है।
मत्स्य पालन में क्या-क्या आता है?
तालाब निर्माण, झींगा पालन, Biofloc, Hatchery, Ornamental Fish Farming आदि।